गैंग्रीन क्या होता है? What is gangrene in hindi

नमस्कार दोस्तों! आपका स्वागत है आज की हमारी इस पोस्ट में। आज हम जानेंगे गैंग्रीन के बारे में, जैसे गैंग्रीन क्या होता है, गैंग्रीन के लक्षण क्या है, गैंग्रीन कितने प्रकार का होता हैं, आदि। तो चलिए बिना किसी देरी के इस खास पोस्ट की शुरुआत करते है।

गैंग्रीन क्या होता है? (What is gangrene?)

गैंग्रीन एक बीमारी है जब शरीर के किसी हिस्से में मौजूद ऊतक (tissue) गिरने या नष्ट होने लग जाते हैं तो उस स्थिति को गैंग्रीन कहा जाता है। जब किसी चोट, घाव, इंफेक्शन या किसी अन्य समस्या के वजह से शरीर के किसी भी अंग/भाग में लम्बे समय तक खून न जा पाने के स्थिति में गैंग्रीन होता है।

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यह स्थिति शरीर के विशेष कुछ भागों में ही विकसित होती है जैसी हाथ, पाव और त्वचा के ऊपरी हिस्से या त्वचा के अंदर भी विकसित हो सकता है। इसके अलावा मांसपेशियों व शरीर के अंदरूनी अंगों में भी हो जाता है।

इसके लक्षणों में त्वचा नीले रंग या काले रंग का हो जाना, दर्द होना, सुन्न हो जाना, त्वचा चमकदार दिखना व पपड़ी उतरना प्रभावित हिस्से में दर्द होना और कुछ समय के बाद अंग को महसूस ना कर पाना व ना हीला पाना।

इस स्थिती का जल्द से जल्द पता लगाना और उसका इलाज कर लेने से इससे होने वाले परिणाम में सुधार किया जा सकता है।

गैंग्रीन का परीक्षण आम तौर पर स्थिति के लक्षणों के आधार पर किया जाता है, अक्सर कुछ अन्य टेस्ट भी किए जाते हैं। जिसकी मदद से गैंग्रीन कितना फैल चुका है। इसका पता लगाया जाता है। परीक्षण के दौरान आम तौर पर एक्स-रे और MRI टेस्ट करवाने की आवश्यकता पड़ती है।

कई बार गैंग्रीन अधिक बढ़ जाता है तो इसे अन्य भागों में बढ़ने से रोकने के लिए प्रभावित अंग को काटना पड़ता है।

गैंग्रीन कितने प्रकार के होते हैं? (What are different types of gangrene?)

गैंग्रीन मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है। इनके नाम कुछ इस तरह से है:

  • सूखा गैंग्रीन (Dry Gangrene)
  • नम गैंग्रीन (Wet gangrene)
  • गैस गैंग्रीन (Gas gangrene)

सूखा गैंग्रीन (Dry Gangrene):

ड्राई गैंग्रीन शरीर के बाहरी हिस्से में विकसित होता है। यह अंग तक पर्याप्त मात्रा में खून ना पहुंचने के कारण होता है। यह आमतौर पर वृद्ध व्यक्तियों के पैरों वह उनकी उंगलियों पर विकसित होता है।

ड्राई गैंग्रीन से प्रभावित त्वचा सूखकर सिकुड़ जाती है और उसका रंग हरा, काला, लाल रंग हो जाता है।

नम गैंग्रीन (Wet gangrene):

यह नम जगहों में होता है जैसे मुंह, आत, फेफड़े और गर्भाशय आदि में होता है। वेट गैंग्रीन आमतौर पर बैक्टीरिया से संबंधित स्थिति माना जाता है। वेट गैंग्रीन से प्रभावित जगहो में सूजन आ जाती है तथा त्वचा से बदबू आने लगती है।

गैस गैंग्रीन (Gas gangrene):

यह एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। यह गैंग्रीन का सबसे गंभीर प्रकार होता है। यह संक्रमण बहुत तेजी से फैलाता है क्योंकि बैक्टीरिया द्वारा पैदा की गई गैस की मदद से होता है। गैस गैंग्रीन में काफी बदबू पैदा हो जाती है और भूरा रंग का मवाद भी बनने लगता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

तो दोस्तो आज की हमने इस पोस्ट में गैंग्रीन क्या होता है और उसके कई लक्षण के में तथा यह कितने प्रकार का होता है। हमने यह सब जानकारी आज की इस पोस्ट में दी है।

हमें उम्मीद है कि हमारे आज के इस पोस्ट से आपको काफी मदद मिली होगी। यदि आपको किसी भी प्रकार का त्रुटि नजर आई हो तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। धन्यवाद!

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