नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत करते हैं अपनी आज की इस नई पोस्ट में। इस पोस्ट में हम वैश्वीकरण के बारे में चर्चा करेंगे, उसके साथ ही हम उसके बारे में विभिन्न प्रकार की जानकारियां आपको अपने इस पोस्ट के माध्यम से प्रदान करने का प्रयास करेंगे। इसके साथ ही हम वैश्वीकरण से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण ऐसी बातें बताएंगे जिन्हें जानकर आपके नॉलेज में वृद्धि होगी। तो आइए बिना वक्त बर्बाद कि हम आपको वैश्वीकरण से संबंधित जानकारी आपको देते हैं।
वैश्वीकरण क्या होता है? (What is globalization?)
वैश्वीकरण दो शब्दों को मिलाकर बना है विश्व तथा एकीकरण। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वैश्वीकरण का अर्थ होता है विश्व के सभी देशों का एक साथ एकीकरण।
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आसान शब्दों में वैश्वीकरण एक प्रकार की प्रक्रिया होती है, जिसमे दुनिया के लोग एक दूसरे से मिलते है। एक देश का व्यक्ति, कंपनी, प्रोडक्ट, सर्विस, आदि दूसरे देश में जाता है। वैश्वीकरण में वृद्धि 18वीं सदी से देखनी को मिली। जब यातायात बेहतर होना शुरू हुआ था।
भारत में वैश्वीकरण की शुरुआत कब हुई? (When did globalization start in India?)
भारत में वैश्वीकरण की शुरुआत भारत द्वारा सन 1991 में अपनाई गई नई आर्थिक नीति के बाद से शुरू हुई। हम आपको बता दे कि इससे पहले भारत देश में वैश्वीकरण काफी कम या न के बराबर वैश्वीकरण था।
वैश्वीकरण ने लोगों को किस प्रकार से प्रभावित किया? (How did globalization affect people?)
वैश्वीकरण अर्थात विश्व के एकीकरण ने दुनिया में विभिन्न प्रकार के विदेशी व्यापार का निर्माण तथा उनका विस्तार किया। ऐसी वस्तुएं जो केबल विकसित देशों में ही पाई जाती थी, वैश्वीकरण के फल स्वरुप अब दुनिया के विभिन्न देशों में भी पाई जाती हैं। वैश्वीकरण की सहायता से लोग अपने देश में निर्मित वस्तुओं को दूसरे देश में भी बेच सकते हैं। इसके अलावा लोगों को दूसरे देशों में नौकरी करने का अवसर भी मिलने लगा, लोगो को नए-नए संस्कृति को जानने का मौका मिला।
वैश्वीकरण का इतिहास (history of globalization)
अर्थशास्त्रियों के द्वारा वैश्वीकरण 1980 से किया जाता रहा है, हालाँकि 1960 के दशक में इसका उपयोग सामाजिक विज्ञान में किया जाता था, लेकिन 1980 के दशक के उत्तरार्द्ध और 1990 तक इसकी अवधारणा लोकप्रिय नहीं हुई।
वैश्वीकरण के मुख्य विशेषताएं (Main features of globalization)
वैश्वीकरण की मुख्य विशेषता इस प्रकार है:
सभी देशों के सामाजिक और आर्थिक जीवन में सार्वभौमीकरण विकसित होना। इसका तात्पर्य है कि एक देश में बनने वाली जो वस्तुएँ अधिक उपयोगी होती हैं, उन्हें दुनिया के सभी बाजारों में खरीदा जाने लगता है।
वैश्वीकरण की एक ऐसी विशेषता है जिससे विश्व स्तर के विभिन्न संगठनों का विकास होता है।कौशल की असली कीमत और पहचान मिलना। पूरी दुनिया में एकता को बढ़ावा देना।
वैश्वीकरण के मुख्य उद्देश्य (Main objectives of globalization)
वैश्वीकरण का मुख्य उद्देश्य अपने विचारों का विश्व मे प्रचार एवं प्रसार करना हैं।वैश्वीकरण का उद्देश्य विश्व में एकजुटता लाना हैं, जिससे वैश्विक समस्याओं का मिलकर सामना करने में सहायता मिले। विभिन्न प्रकार की जानकारियां तथा आर्थिक लाभ के स्रोतों का खोज करना।
वैश्वीकरण से लाभ (benefits of globalization)
वैश्वीकरण से निम्नलिखित लाभ होते हैं जो कि इस प्रकार है:
- विदेशी पूँजी के आगमन से विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था में बड़ी वृद्धि है।
- वैश्वीकरण से एक देश के लोगो को दूसरे देश में नौकारी पाने में सुविधा होती है
- आयात-निर्यात पर लगे अनावश्यक प्रतिबन्ध समाप्त हो जाते है तथा संरक्षण नीति समाप्त हो जाने से विदेशी व्यापार मे पर्याप्त वृद्धि होती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
तो दोस्तों आज की हमारी इस पोस्ट में हमने आपको वैश्वीकरण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देने का प्रयास किया है। आज के इस पोस्ट में हमने आपको वैश्वीकरण क्या है, इससे क्या क्या लाभ है, यह क्या होता है, इस प्रकार की जानकारी हमने आपको दी है। हम आगे भी अपनी पोस्ट के माध्यम से आपके सवालों का समाधान करते रहेंगे। धन्यवाद
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