हेलो दोस्तों! आज आप सभी का स्वागत है हमारी आज की इस नई पोस्ट में। आज की इस पोस्ट में हम आपको सांप्रदायिकता से संबंधित अनेक प्रकार की ऐसी जानकारियां देंगे जिन्हें आपने पहले कभी नहीं पढ़ा या सुना होगा। तो आइए अब हम आपका बिना वक्त बर्बाद किए आपको सांप्रदायिकता से संबंधित वह जानकारी आपको देते हैं जिन्हें आप जानना चाहते हैं। तो चलिए दोस्तों सबसे पहले बात करते हैं कि सांप्रदायिकता क्या है।
सांप्रदायिकता क्या है? (What is communalism?)
सांप्रदायिकता के बारे में जानने से पहले हमें संप्रदाय के बारे में जानना होगा। संप्रदाय का अर्थ होता है समूह। पहले तथा आज के समय में भी लोग अपने धर्म तथा अपनी जातियों के समूह के लोगों के साथ ही रहना पसंद करते हैं। विभिन्न धर्मों तथा जाति के लोगों के समुदाय के बीच जो अंतर होता है उसे ही सांप्रदायिकता कहा जाता है।
सांप्रदायिकता एक ऐसा शब्द है, जिसका उपयोग दक्षिण एशिया में विभिन्न धर्मों के लोगों तथा विभिन्न जातियों के लोगों की पहचान के प्रयासों को निर्मित करने के लिए किया गया था।
सांप्रदायिकता का इतिहास (history of communalism)
सांप्रदायिकता शब्द का निर्माण ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारियों के द्वारा किया गया था, क्योंकि इन्होंने 20वि शताब्दी की शुरुआत में अपने उपनिवेश अर्थात ऐसे देश जिन पर उन्होंने कब्जा किया हुआ था विशेष रुप से दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण एशिया में विभिन्न धर्म जातियों और अनेक असमान समुदायों के बीच हिंसा का प्रबंधन किया था।
ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ दक्षिण एशिया में ही पाया जाता है, सांप्रदायिकता विभिन्न प्रकार के देशों जैसे अफ्रीका, अमेरिका, एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया तथा विभिन्न प्रकार के अनेक देशों में भी पाई जाती है।
सांप्रदायिकता के कारण (Cause of communalism)
सांप्रदायिकता के प्रमुख कारण है की विभिन्न समुदायों के लोग अपने समुदाय को दूसरे समुदायों से श्रेष्ठ मानने लगते हैं तथा दूसरे समुदायों को निचा समझने लगते हैं।
उस समुदाय के लोगों को अनेक तरह की यातनाएं देते हैं। यही मुख्य कारण है सांप्रदायिकता का। यदि लोगों के मन-मस्तिष्क से यह भावना समाप्त हो जाए, तो सांप्रदायिकता को समाप्त किया जा सकता है।
परंतु हमारे देश में कुछ ऐसे बुद्धिजीवी भी हैं, जो सांप्रदायिकता को समाप्त करने के पक्ष में नहीं बल्कि सांप्रदायिकता को बढ़ाने के पक्ष में है। जिससे हमारे देश में आए दिन विभिन्न धर्म तथा समुदायों के लोगों के बीच दंगे फसाद होते हैं।
सांप्रदायिकता से हमारे देश को क्या-क्या नुकसान हो रहे हैं? (What harm is being done to our country by communalism?)
सांप्रदायिक हिंसा के दौरान निर्दोष लोग अनियंत्रित परिस्थितियों में फँस जाते हैं, जिसके कारण व्यापक स्तर पर मानवाधिकारों का हनन होता है। यह समाज में ‘एकता में अनेकता’ की भावना को दुष्प्रभावित करती है, इसके अलावा यह घृणा और हिंसा को बढ़ावा देकर हमारी धर्मनिरपेक्ष छवि को आघात पहुँचाती है।
अगर एक लाइन में कहा जाए तो सांप्रदायिकता हमारे देश को अंदर से खोखला बनाती है। क्योंकि जब देश के लोग आपस ने ही लड़ेंगे तो देश खोखला हो ही जाएगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
तो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हमने आपको सांप्रदायिकता से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियां दी है। इसके साथ ही हम आपसे यह भी निवेदन करते हैं कि आप भी सांप्रदायिकता की भावना को समाप्त करने का प्रयास करिए क्योंकि आजकल के राजनेता गद्दी के लिए विभिन्न धर्म तथा समुदाय के लोगों के बीच दंगे करा कर स्वयं तो गद्दी पर बैठ जाते हैं और उसके बाद जनता को भूल जाते हैं।
इसलिए हम आपसे निवेदन करते हैं कि आप सांप्रदायिकता की भावना को अपने मन से निकाल दीजिए। इसके साथ ही हम आपसे यह भी निवेदन करते हैं कि यदि हमारे इस पोस्ट में आपको किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि नजर आए तो हमें कमेंट बॉक्स के जरिए जरूर बताएं। उसके साथ ही यदि आपको हमारे इस पोस्ट से किसी भी प्रकार का खेद पहुंचा हो तो हमें क्षमा करें। धन्यवाद!
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