नमस्कार दोस्तों! आज की इस पोस्ट में हम आपको भौतिक विज्ञान की एक टॉपिक जिसका नाम संवेग है। हम आपको संवेग से संबंधित विभिन्न प्रकार की आवश्यक जानकारियां जैसे कि इसकी परिभाषा क्या होती है, इसका सूत्र क्या होता है, इसका प्रयोग कहां होता है। इसी प्रकार के विभिन्न जानकारियां हम आपको आज की इस पोस्ट के माध्यम से देने का प्रयास करेंगे। तो आइए बिना देर के हम आपको संवेग के बारे में बताते हैं।
संवेग क्या है? (What is momentum?)
संवेग एक प्रकार का भौतिक शब्द है, जो किसी भी वस्तु की गति की मात्रा को प्रदर्शित करता है।
परिभाषा: किसी भी पेंट या वस्तु के द्रव्यमान और उसके भेद के गुणनफल को संवेग कहा जाता है। इसे अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर P से प्रदर्शित किया जाता है। यदि हम इसे सूत्र के रूप में प्रदर्शित करेंगे तो यह इस प्रकार होगा। [ ] P=M×V
- जहा P =संवेग
- M =द्रव्यमान
- V=वेग संवेग एक प्रकार की सदिश राशि होती है क्योंकि इसमें परिमाण और दिशा दोनों होते हैं।
किसी वस्तु का संवेग की मात्रा निम्नलिखित दो चरों पर निर्भर करती है।
वस्तु का द्रव्यमान तथा वस्तु का वेग। संवेग वस्तु के वेग तथा वस्तु के द्रव्यमान के समानुपाती होता है। जहां यदि हम द्रव्यमान में दो या तीन गुणा वृद्धि करते हैं, तो संवेग की मात्रा भी दो से 3 गुना बढ़ जाएगी।
इसी प्रकार यदि हम वस्तु के वेग में वृद्धि करते हैं तो भी वस्तु का संवेग 2 से 3 गुना बढ़ जाएगा। यह परिणाम हमें तभी प्राप्त होंगे जब द्रव्यमान के साथ वेग को स्थिर रखा जाए और वेग के साथ द्रव्यमान को।
संवेग का मात्रक क्या है? (What is the unit of momentum?)
SI यूनिट में संवेग का मात्रक किलोग्राम मीटर प्रति सेकंड होता है। तथा इस का विमीय सूत्र MLT-1 होता है, इसके अन्य मात्रको की बात की जाए तो CGS पद्धति में इसका मात्रक ग्राम सेंटीमीटर प्रति सेकेंड या डायन सेकंड होता है। MKS पद्धति में किलोग्राम मीटर प्रति सेकंड होता है।
संवेग से संबंधित एक प्रकार की कोणीय संवेग भी होती है। तो चलिए दोस्तों अब कोणीय संवेग आ ही गया है तो तो इसके बारे में भी बात कर लिया जाए।
कोणीय संवेग क्या है? (What is Angular Momentum?)
किसी वस्तु के द्रव्यमान, आकृति और वेग को ध्यान में रखते हुए इसके घूर्णन का मान का मापन कोणीय संवेग है। यह एक सदिश राशि है, जो किसी विशेष अक्ष के सापेक्ष जड़त्वाघूर्ण व कोणीय वेग के गुणनफल के बराबर होती है।
उदाहरण: मान लीजिए हम क्रिकेट की समान द्रव्यमान वाली 2 गेंद लेकर 1 को अधिक वेग से तथा दूसरी गेंद को कम वेग से फेंक देते हैं। तब हम देखेंगे कि तीव्र वेग से आने वाली गेंद को रोकने के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है। तथा कम वेग से आने वाली गेंद पर कम बल लगाना पड़ता है। इससे हमें यह ज्ञात होता है कि किसी वस्तु की विराम अथवा गति की अवस्था में परिवर्तन के लिए आवश्यक बल वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग दोनों पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
तो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हमने भौतिक विज्ञान की एक महत्वपूर्ण टॉपिक संवेग के बारे में आपको विभिन्न प्रकार की जानकारियां देने का प्रयास किया है। जैसे कि संवेग क्या होता है, इसका सूत्र क्या है, इस प्रकार की विभिन्न जानकारीयां।हमने आज की इस पोस्ट के माध्यम से आपको देने का प्रयास किया है।
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